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त्रैमासिक शोध पत्रिका

संस्कृत व संस्कृति की धारा को जोडती, गुरुकुल प्रभात आश्रम मेरठ से प्रकाशित

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'इदं श्रेष्ठं ज्योतिषां ज्योतिरागात्'

पावमानी गुरुकुल प्रभात आश्रम, मेरठ द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक शोध पत्रिका है ।

विभिन्न (पूँजी, साम्य, समाजादि) वादों में भ्रमित हो नाना प्रकार की समस्याओं से विषण्ण विश्वमानवता के उद्धार एवं उत्कर्ष हेतु सर्वप्रथम विश्ववारा भारतीय संस्कृति के प्रत्येक पक्ष को वर्तमान युग के परिप्रेक्ष्य में निखार कर तर्कयुक्त एवं बोधगम्य बना उसे पुनः जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से १९३९ में पूज्य स्वामी समर्पाणानन्द सरस्वती जी ने प्रभाताश्रम की स्थापना की ।



कुछ रोचक संस्करण

ऐतरेय ब्राह्मण में विविध विधाएँ

सम्पादकीय से कुछ अंश

पारम्परिक दृष्टि से ऐतरेयब्राह्मण का प्रवचनकर्ता ऋषि महिदास ऐतरेय को माना जाता है जो कि इतरा के पुत्र थे । ये ग्रन्थ वेदों की तुलना में पर्याप्त अर्वाचीन माने जाते हैं । सम्पूर्ण ग्रेथ की रचना का भी, एक ही समय निश्चित नहीं हैं ।

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कौषीतकि ब्राह्मण में विविध विधाएँ

सम्पादकीय से कुछ अंश

शांखायन ब्राह्मण ऋग्वेद की इक्कीस शाखाओं में प्रसिद्ध पाँच शाखाओं में से अन्यतम शांखायन शाखा से सम्बद्ध ब्राह्मण है ।

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